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Wednesday, November 24, 2010

इन बे शर्म और बे हया नकटों को अपनी नाक तो नज़र आती नहीं

भंडा जैसे बे श्रम और बे हयाओं की भी दुनिया में कमी नहीं हे ,एसा लगता हे कि यह किराए के टट्टू हें और इसी कमाई के वेतन से बसर ओकात करते हें ,झूठे इल्जामों और बोह्तनों के लिए भी समय चाहिए , इस के आलावा बे शर्म आँखें और बे हया दिल भी ,जो इन के पास पर्याप्त मात्रा में हे , इन की गत पोष्ट का शीर्षक हे , मुहम्मद का लिंग चमतकार , इन बे शर्म और बे हया नकटों को अपनी नाक तो नज़र आती नहीं , चले हें दूसरों की हसी उड़ाने , चंद बे हूदा , बे बुन्याद बे तुकी मन घडत बातें लिख कर अपने मन को संतुष्ट करने वालों को कभी अपनी कटी फटी नाक भी देख लेनी चाहिए , इस भांड पण्डे ने लिंग की बल अल्लाह के पियारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम के हवाले से की हे ,परन्तु इसे अपने ही घर के मंदिरों का शिव लिंग नज़र नहीं आया जिस की आकर्ती इस प्रकार की हे ,की शिव का लिंग पारवती की योनी में गड़ा हुआ हे और रात दिन इसी पोजीशन में उस की पूजा होती हे बाप और बेटी ,मां और बेटा एक साथ इस नग्न अश्लीलता को शोक से पूजते हें . , इन बेशर्मों को शिव पुराण की वह हजारों इबारतें नहीं दिखतीं जो निम्न पारकर की हें .
बरह्मा ने धुंए को ध्यान से देखा तो उस में शिव लिंग नज़र आया , जिस की लम्बाई इतनी थी की ब्रह्मा उसकी लम्बाई का पता लगाने को हंस बनकर ऊपर को उड़ा और और विष्णु सुआर बनकर पाताल को गया ,दस हज़ार साल तक दोनों दोड़ा किये,, पर उस की इनतिहा को न पहुंचे ,
और इन कमबख्तों को यजुर वेद के वह मन्त्र नजर नहीं आते जिन में यग्गों में लिंग का पर्योग है , यह मन्त्र देखें,,,,
यजमान की स्त्री घोड़े के लिंग को पकड़ कर अपनी योनी में डाले ,
देखे यजुर वेद २३ /२०
महीधर भाष्य प्रष्ट ३७८
इन हरामजादों को कृष्ण की रखेल नज़र नहीं आती ,जिसे राधा कहते हैं ,जो हर जगह ,कृष्ण की बराबर मे कूला मटकाए खड़ी नज़र आती है , इन्हें यह नज़ नहीं आता कि कृष्ण ,अपनी पत्नी रुकमनी को छोड़ कर पराई महिला अर्थात राधा रखेल के साथ रास लीला मनाता था ,,, इन्हें अपनी यह सब्भ्यता नज़र नहीं आती कि इनके यहाँ आशिक व् माशूक भी पूरी शरद्धा से पूजे जाते हैं ,,,, खुदा इन्हेंह सदबुद्धि दे ,,,

Monday, November 22, 2010

Saturday, November 20, 2010

आजकल भंडा जी ने इस्लाम के खिलाफ प्रोपेगंडा करने में रात दिन एक किया हुआ है ,यह अलग बात कि उन कि महनत आसमान पर थूकने जैसी साबित हो ,उनकी मिसाल उस पागल की सी है जो अपने निहत्ते हाथों से दिवार को गिराना चाहता है ,वैसे यह लाछन कोई पहली बार नहीं हैं ,यह काफी दिनों से चलता आरहा है फिर भी खुदा का फजल है कि यह लोग इस्लाम का इंच बराबर कुछ न बिगड़ सके , कारण यह है कि यह लोग जो कुछ भी कहते है झूट कहते हैं बोहतान लगते हैं ,इलज़ाम त्राशी करते हैं , गालियाँ देते हैं ,फह्वात बकते हैं , सच्ची बात यह है कि मायूस व्यक्ति के पास गलियों के सिवा कुछ भी नहीं होता , जिस तरह की गलियां यह लोग अल्लाह और उसके रसूल को देते हैं ,ऐसी गलियां हम भी देना जानते हैं ,परन्तु कुरआन हमें रोकता हे , पवित्र कुरआन ६ \ १०८ में कहा गया है कि ... लोग अल्लाह को छोड़ कर जिन की पूजा करते हैं उन्हें गलियां मत दो ,,,जहाँ तक झूठे इल्ज़ामात की बात हे , भंडा जी अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम को शराबी ,अय्याश ,ओर्तों का रसया जैसे कुशब्दों से नव्वाज्ते हें ,इस पारकर के इल्जामत जब सरासर झूट हों तो महज़ गलियां बन जाते हैं, जो कुछ भंडा जी तर्क में पेश करते हें वह उनका घड़ा मड़ा होता हे और या बे इंतिहा त्रोड़ा मरोड़ा , उन्हों ने अपने एक लेख में शीर्षक दिया हे ,, शराबी रसूल और पियक्कड़ सहाबी ,, सब जानते हें कि इस्लाम में शराब हराम हे अब आप लाख चीखते रहें , शराब को हलाल नहीं कर सकते , परन्तु आप के धर्म में ऐसा नहीं हे , अपने अल्लाह के रसूल को नशेड़ी कहा हे क्या अप साबित कर सकते हें कि वह शिव से ज्यादा नशेड़ी थे ,, हिन्दू भाई जब शिव की कावड लाते हें तो अक्सर यह गाना सुनने में आता हे ,,पि के एक बालटी भांग भोला यूँ मटके ,,,,, शिव और भंग का जो ताल्लुक हे आप उस से इंकार नहीं कर सकते , आपने अय्याशी की बात की हे ,, क्या आप अल्लाह के रसूल को कृष्ण से बड़ा अय्याश साबित कर सकते हें , जो अपनी पत्नी रुकमनी को छोड़ कर पराई औरत राधा के साथ उम्र भर रास लीला मना ते रहे , इस के अलावा कृष्ण के १०८ पत्नियाँ ओर भी थीं ,,, और राधा के साथ उन का प्रेम परसंग तो इतना चला कि रुकमनी गरीब का तो कहीं नाम व् निशाँ भी नहीं जब कि राधा ,रखेल होने बा वजूद पूजी जाती हे , यह हिन्दू धर्म की विडंबना ही हे कि यहाँ अवेध संबंधनों के किरदार भी पूजनीय हें , और जो इन लोगो को समझाने की बात करे वह इन की नज़र में पाकिस्तानी ,गद्दार , और देशदिरोही हे ,,, खुदा इन्हें सदबुद्धि दे ,,,,

Friday, November 5, 2010

इस्लाम की शिक्षा के कारण कई देश बर्बाद हो गए

भंडा जी आदाब
पवित्र कुरान २/२६ में कहा गया है कि इस कुरान के द्वारा बहुत से लोग गुमराही तलाश करते हैं और बहुत से इसी के द्वारा हिदायत पाते हैं ,भंडा जी ने पहला विकल्प चुना हे ,उन्हें कुरान में गुमराही ही गुमराही दिखाई पड़ती हे , असल बात यह हे कि आँखों पर जब हरा चश्मा लगा हो तो सब कुछ हरा ही दिखाई देता है ,वः लिखते है कि इस्लाम की शिक्षा के कारण कई देश बर्बाद हो गए और करोंड़ों लोग मारे गए ,भंडा भाई तुम जो लिखदो ,व्ही इतिहास हो ,एसा नहीं है ,आइए इस सम्बन्ध में आप को कुछ जानकारी दी जाए ,
मुहम्मद साहब के जीवन काल में उनके कुछ आप जैसे शुत्रुओं ने भारी सेना लेकर और दूर दूर से आ आ कर उन पर और उनके साथियों पर मदीने में युध्धात्मक हमले किये हें ,मुहम्मद साहब ऐसे मोकों पर ऐसी जंगी रणनीति अपनाते थे ,जिस से कम से कम इंसानी जानों का नुकसान हो ,जेसे शहर के चारों ओर खंदक खुद्वादेना जिस से शत्रु फोज अन्दर न आ सके ,आदि ,आदि , इस का परिणाम यह हुआ कि आप के पूरे जीवन काल में जितने भी युद्ध हुए ,उन सब में एक हज़ार से भी कम जाने गईं ,असल में आप का इतिहास कमज़ोर हे वर्ना आप ऐसे बातें न करते ,अगर आप इतिहास पढ़ते तो आप को पता चलता कि कई देश कहाँ बर्बाद हुए और करोड़ों लोग कहा मारे गए , परन्तु आप को नहीं पता तो चलिए मैं बताता हूँ ,

यह तो आप को पता ही होगा कि रामायण और महाभारत दोनों युद्ध इतिहास हें , क्या आप जानते हें कि इन युद्धों में कितने योद्धा शरीक थे और उनमें से कितने मारे गए ,शायद नहीं , चलिए मैं बताता हूँ ,केवल महाभारत के युद्ध में अट्ठारह (१८) अक्श्वनी शरीक थी ,ग्यारह (११) कोरों की और सात७ पांडों की,और से और एक अक्श्वनी में ३१८७० रथ सावर २१८७० हाथी सावर ६५६१० घोड़े सवार और १०९३५० पैदल सिपाही होते हें ,

जोड़ लिजीए कितने देशों को बर्बाद किया होगा इस युद्ध ने ,

और अब यह बात कि इस युद्ध में कितने लोग मारे गए .

सुनीए भंडा जी ,महाभारत के अनुसार

यह युद्ध १८ दिन चला था और एक दिन का इंसानी जानों के नुकसान का ओसत सवा नो करोड़ प्रति दिन था ,भीष्म के हाथों से रोजाना 10000आदमी मारे जाते थे ..,,

तो काहिए भंडा जी किसने करोड़ों को मरवाया? ,,हमने या आपने ,,, किसने कई देशों को बर्बाद करवाया ? हमने या आपने ,,,,

Wednesday, November 3, 2010

भंडा जी ... यह लो भांडे... और इन्हें शोक से फोड़ो

भंडा जी ... यह लो भांडे... और इन्हें शोक से फोड़ो
यह हैं इनके आदर्श
जो घर से मक्खन चुराए ,नदी में नहाती हुयी महिलाओं के कपडे उठा कर पेड़ पर चढ़ जाए ,वे कपडे मांगें तो कहे पहले बाहर निकलो ,वे हाथों से अपने अशलील अंगों को छुपा कर बाहर
आएं ओर अपने कपडे मांगे तो वह कहे कि पहले हाथ जोड़ कर मुझे नमस्कार करो, एसा व्यक्ति धर्म गुरु केसे हो सकता हे,? ब्रह्मा शिव की शादी में प्रोहित का कार्य करे तो पार्वती का पैर खुल जाए तो बरह्मा उसका सुन्दर पैर देखकर
अस्खलित होजा
,तो वह धर्म
केसे हो सकता हे, वेद व्यास जंगल से आए ओर कोरों व् पाडुओं की माताओं को गर्भवती कर जाए तो वह धर्म गुरु केसे हो सकता हे ? पवन देवता हनुमान जी , की माता के पास आएं ओर उन्हें देख कर उन पर मोहित होजाएं ,ओर ज़बर दस्ती व्यभिचार कर के उन्हें गर्भवती बनादें तो वह धर्म गुरु केसे हो सकता हे पांच पुरुष एक पतनी रखें ,ओर जुआं खेलें ओर जुवे में पतनी को भी दाँव पर लगाएँ ओर मदिरा का सेवन करे तो वह धर्म गुरु केसे हो सकते हैं ,? ,,, पिता ओर पुत्र एक ही पतनी से सम्भोग करे तो धर्म गुरु केसे हो सकते हैं ? बरह्मा जब अपनी बेटी पर ही मोहित होजाए ओर उस के पीछे भागे ओर अस्खलित होजाए तो धर्मगुरु केसे हो सकता हे ,? मुनि गोतम जानकी अप्सरा को नग्न देख कर अस्खलित होजाएं ओर अपना वीर्य सरकंडों में रख दें जिस से वेद शास्त्र्रों के ज्ञाता गुरु किर्पचारी पैदा हों तो वह धर्मगुरु केसे हो सकता हे ?,,, जब इंद्र गोतम की पत्नी अहल्लिया से व्यभिचार करें तो धर्म गुरु केसे होसकता हे ,,?बरहम ऋषि शिवामित्र मेनका के साथ,,,,,,,? संपर्क ,,,,,,,,,,,करें तो धर्म गुरु केसे हो सकता हे ,?,,,, मित्रा मुनि उर्वशी अप्सरा को देख कर काम वासना से पीड़ित हों ओर अपना वीर्य घड़े में छोड़ दें जिस से म्र्म्गमुनिव्शिष्ट पैदा हों तो वह धर्म

Tuesday, November 2, 2010

राम आदर्श हे या रावन

कुछ लोग अपनी पहचान छुपाकर इस्लाम धर्म पर घटया परहार करते रहते हैं , वैसे तो इनका पर्यास ऐसा ही है जैसे कोई पहाड़ से अपना सर टकराए ,कि, टकराने वाले के हाथ अपना सर ज़ख़्मी करने के सिवा कुछ नहीं आता ,परन्तु यह लोग कितनी घटया मानसिकता के हैं ,इस बात का अंदाज़ा करने के लिए हम ऐसे ही एक महाशय की मिसाल आपको दिखाते हैं ,यह साहब हैं ,भण्डा भोडू ,यह भी कुछ सरासर झूटी बातों के सहारे इस्लाम को बदनाम करना चाहते हें ,आप इनकी मानसिकता देखें कि इन के बलोग पर कुरान के हवाले से एक लेख में यह लिखा हे "वह महाशाली एक सिंहासन पर बैठता है -सूरा अल मोमनीन 33 :116

"इलाह एक ऊंचे सिंहासन पर बैठता है "सूरा -अल मोमिन 40 :१५
ख्याल रहे कि यह जो कुछ इन महाशय ने अपनी और से लिख कर इस पर तुच टिपण्णी की हे यह कही भी पवित्र कुरान में नहीं हे ,और इन्हों ने जो हवाला दिया हे ,अब उसको ध्यान से देखए और भण्डा जी की घटया मानसिकता पर अपना सर धुन्ये, इन्हों ने सूरा अलमोमिनीन की ३३ ,११६ का हवाला दिया हे ,इस सूरा की ३३वी आयत क्या हे उसे देखें ,
और सरदाराने कोम ने जवाब दिया ,जो कुफ्र करते थे ,और आखरत की मुलाक़ात को झुट्लाते थे ,और हमने उन्हें दुनयावी जिंदगी में खुशहाल कर रखा था ,कि यह तो तुम जैसा ही इन्सान हे (सूरा अल मोमनीन ३३) ,यह तो ३३वी आयत थी अब ११६वी आयत देखें ,
अल्लाह ताला सच्चा बादशाह हे ,उसके सिवा कोई पूजा का हकदार नहीं ,वः बजुर्ग अर्श का मालिक हे , (सूरा अलमुमिनीन ११६ )आगे दूसरी इबारत जो सूरा मोमिन के नाम से इन्हों ने लिखी हे ,वः भी सरासर झूट और सो फीसद बोहतान हे ,अब सवाल यह हे कि जो इंसान इतना बड़ा झूठा हो उसकी बात पर क्या ध्यान दिया जाए ,परन्तु भण्डा जी आप को आप को अगर भांडों का शोक हे तो कभी अपने गरीबां में झाक्ये ,वहन आपको भांडे ही भांडे मिलेंगे आप उन्हें शोक से फोडये , जैसे ,में आप को एक मिसाल से समझाता हूँ ,
राम आदर्श हे या रावन
आप राम को आदर्श कहते हें ,में पूछता हूँ कि राम आदर्श हें या रावन , राम ने रावन की बहिन के नाक कान कटवाए परन्तु जब रावन को मोका मिला तो वः भी सीता के नाक कान काट सकता था ,या सीता के साथ कुछ ओर कर सकता था परन्तु उसने एसा नहीं किया ,वः सीता को इज्ज़त से उठा कर ले गया और वहां भी उसने सीता माता को सम्मान से रखा , और जम राम को मोका मिला तो उन्हों ने रावन कि लंका को जला कर ही दम लिया ,,,जारी